समयाभाव में छोटा सा प्रयास स्वीकार करे,सादर नमन
प्रेम तेरा जब देखा खुद में,इक तस्वीर बना ली मैंने। अब जो भी हो अंजाम,तुझे तकदीर बना ली मैंने। लाल बिंदियां मस्तक अपने,चूड़ी संग पहन के गहने, आईना देख निहारु खुद को,पूरी रैन बसा ली मैंने। #स्वरचित
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