नकारात्मकता से ही सकारात्मकता उपजती हैबस थोड़ा धैर्य और सम्यक् प्रयास की आवश्यकता है।पलायन सम्भव है और सरल भी।परन्तु नही हमें हमारा ग्रहण काल यही पूरा करना है और सूर्योदय की प्रतीक्षा।
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