कुण्डलियाँ
गगरी भरी पानी से,सिर पर उसे उठाय
गौरी सखियों के संग ,पनिया भरने आय
पनिया भरने आय,और मन मे शरमावै
लाज शरम की खातिर,घूँघट मुँह में दबावै
"प्रिया"खड़ी खड़ी देखत,पनघट रमणीय अति
पर फिसलन भी है बड़ी,छलकत जाय गगरी।
#स्वरचित
प्रियंका शर्मा
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