विषय-मगरूर
विधा-छंद मुक्त रचना।
होकर मगरूर,नशे में चूर,
मत भूलो तुम मानवता को,
जन्म लिया मनु वंशज हो,
मत धारो तुम दानवता को।
मशहूर से मगरूर का देखो,
नाता बहुत करीब है होता,
मशहूर तो हो,मगरूर न होना,
त्यागो तुम इस जटिलता को।।
हाथों में लेकर हम हाथ चलो,
सहज स्वीकार करो सरलता को,
नित स्नेह सदा निःस्वार्थ बनो,
गढों अहम से परे मिसाल को।।
#स्वरचित#
1 रचनाकार का नाम- प्रियंका शर्मा.
2)पति का नाम- ऋषि शर्मा
3)वर्तमान/स्थायी पता-
प्रियंका शर्मा व/०ऋषि शर्मा
गवली हॉस्पिटल के पास,
कुरावर मंडी,जिला-राजगढ़(ब्यावरा)
तहसील-नरसिंहगढ़(म.प्र.)
4)फोन नंबर/व्हाट्स एप्प नंबर-
8827712307
ई मेल-
Priyankaupadhyay193@gmail.com
5)शिक्षा- बी.एस. सी.(कंप्यूटर साइंस)
एम. एस. सी.(कंप्यूटर साइंस)
(पी. जी. कॉलेज,मन्दसौर,
विक्रम यूनिवर्सिटी,उज्जैन)
जन्म-तिथि-
15/05/1987
6)व्यवसाय- Nill
7)प्रकाशन विवरण-
प्रयास पत्रिका(संपादक-सरन घई),हिंदीसागर पत्रिका(जे. एम.डी. पब्लिकेशन,दिल्ली) श्रेष्ठ कवियत्री सम्मान प्राप्त,जनकृति पत्रिका।
8)घोषणा-
मैं ये घोषणा करती हूँ किप्रकाशन हेतु भेजी गयी समस्त रचनाएं मेरे द्वारा लिखित है तथा जीवन परिचय में दी गयी समस्त जानकारी पूर्णतया सत्य है,असत्य पाये जाने की दशा में हम स्वयं जिम्मेदार होंगे।
प्रियंका शर्मा
दिनांक-
17/05/2017
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